शरद पवार का तंज
मुंबई : केंंद्र सरकार की ओर से लाए गये तीन नए कृषि कानून के खिलाफ पिछले दों महिनों से देशभर के किसान दिल्ली से सटे बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे है. अब किसाना आंदोलन की यह आंच दिल्ली से मुंबई पहुंच गई है. हालांकि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू से ही समर्थन दिया जा रहा है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार मुंबई के आजाद मैदान में किसान रैली की गई. इसको लेकर एनसीपी के मुखिया सांसद शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर तंज कसा है. पवार ने कहा की महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा राज्यपाल आया हैं जो कंगना रनौत से मिलता हैं, लेकिन किसानों से नहीं मिलता.
सोमवार को ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान एकजुट हुए. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से किसान इस रैली में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इस रैली के बाद किसानों ने राजभवन तक मार्च भी निकाला है. कुल 23 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष ज्ञापन सौंपा. इस किसान रैली में महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार के तीनों राजनीतिक दलों से भी प्रतिनिधि शामिल हुए. नेशनल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने इस दौरान भाजपा पर जुबानी हमला बोला.
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एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इससे पहले ऐसा राज्यपाल कभी नहीं आया है. जिसके पास किसानों से मिलने का वक्त नहीं है. राज्यपाल फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ मुलाकात कर सकते है लेकिन राज्य के अन्नदाताओं से नहीं मिल सकते.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी चर्चा के इन तीनों कृषि कानूनों को संसद में पास कर दिया गया है. उन्होंने ऐसा करके संविधान के साथ मजाक किया है. बहुमत के आधार पर अगर ऐसे कानून पास किए जाएंगे तो किसान आप को खत्म कर देंगे. यह तो सिर्फ शुरुआत ही हुई है.
उन्होने कहा, उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और इस ठंडे मौसम में पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान बीते 2 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. क्या देश के प्रधानमंत्री को उनकी परवाह नहीं है? उन्होंने इनके बारे में कोई सुध बुध ली है? यह किसान भारत के ही रहने वाले हैं, पाकिस्तान के नहीं.
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