नीजि यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है.धन शोधन मामले में आरोपी राणा कपूर को बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को जमानत देने से इनकार कर दिया.
मुंबई : नीजि यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है.धन शोधन मामले में आरोपी राणा कपूर को बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. जिसके चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा. प्रवर्तन निदेशालय ने कपूर को पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था. फिलहाल राणा कपुर नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं.
केंद्रीय एजेंसी डीएचएफएल से संबंद्ध कंपनी से कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये हासिल करने के मामले में कपूर, उनकी पत्नी और उनकी तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रही है. पिछले साल जुलाई में मुंबई की एक विशेष अदालत ने कपूर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था.
कपूर के वकील हरीश साल्वे ने सोमवार को जस्टिस पी डी नाइक की अध्यक्षता वाली एकल पीठ को बताया कि कपूर की कंपनी को 600 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था, रिश्वत के तौर पर यह राशि नहीं दी गयी थी. ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि कंपनी के मालिकों में कपूर की बेटियां भी हैं. प्रवर्तन निदेशलालय (ईडी) ने कपूर को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया था.
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ईडी के मुताबिक, कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को कर्ज की मंजूरी देने के लिए उनके नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए 4,300 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. सीबीआई भी इससे जुड़े एक मामले की जांच कर रहा है.
कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बड़ी के आरोपों में सीबीआई भी उनके खिलाफ जांच कर रही है. ईडी ने कपूर पर डीएचएफएल और उसकी ग्रुप कंपनियों को लोन देने में सांठगांठ का आरोप लगाया है. राणा कपूर और अशोक कपूर ने 2004 में यस बैंक की स्थापना की थी. पिछले साल 5 मार्च को रिजर्व बैंक ने यस बैंक की कमान अपने हाथों में ली थी और बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था. इसकी वजह यह है कि बैंक का एनपीए बहुत बढ़ गया था.
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