देश जब कोरोना काल में संकट से गुजर रहा था उस समय सरकारें आपदा को अवसर मानकर जनहित के विरोध में कई काले कानून बनाकर उनके अधिकारों को खत्म किया और अब भी आपदा को अवसर में बदलने से कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
देहरादूर : देश जब कोरोना काल में संकट से गुजर रहा था उस समय सरकारें आपदा को अवसर मानकर जनहित के विरोध में कई काले कानून बनाकर उनके अधिकारों को खत्म किया और अब भी आपदा को अवसर में बदलने से कोई कसर नहीं छोड़ रही है. जबकि, यह बात सभी जानते हैं कि पर्यटन क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों पर कोविड-19 महामारी का बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों में पर्यटन के लिए सालाना 3 करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटक और 13 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं. लेकिन, हालिया कोविड-19 महामारी ने इसे भी बुरी तरह प्रभावित किया है. इसके बाद भी उत्तराखंड सरकार कोविड-19 आपदा को एक अवसर में बदलने की दिशा में काम कर रही है.
उत्तराखंड पर्यटन विकास केंद्र के पर्यटन सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप जावलकर ने एक सत्र के दौरान कहा, साल 2020 में कोविड-19 संकट ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है. उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर करती है. यहां कोविड-19 संकट ने एडवेंचर गतिविधियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आजीविका को भी प्रभावित किया है. उन्होंने आगे कहा, हर चुनौती अपने साथ अवसर लेकर आती है. हमारे पास आतिथ्य सत्कार क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग थे, जो लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य की अनिश्चितता के चलते राज्य में वापस आ गए.
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भारत सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडिया टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी के साथ संयुक्त रूप से तीसरे भारत टूरिज्म मार्ट- द ट्रैवल ट्रेड का आयोजन किया है. यह एक मेगा वर्चुअल इवेंट है, जिसका मकसद कोविड-19 संकट के बाद भारत में पर्यटन उद्योग को एक बार फिर जीवित करना है. वर्चुअल सेशन के दौरान नई दिल्ली स्थित पर्वतारोहण और संबद्ध खेलों के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय निकाय, इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक आबे ने राज्य में पर्वतारोहण से जुड़ी सुरक्षा और चिंताओं के बारे में बात की. उन्होंने कहा, सभी सावधानियों के बावजूद दुर्घटनाएं होना तय है.
आबे ने कहा, भले ही कोई दुर्घटना हुई हो, भले ही भारतीय वायु सेना के साथ या राज्य सरकार के साथ समन्वय करना हो, प्रतिक्रिया हमेशा त्वरित रही है. संकट के समय में तेजी के साथ काम करना होता है. इसलिए यह एक संयुक्त प्रयास है, हम इसे विस्तृत रूप में देख रहे हैं.
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