वसुंधरा राजे ने बीजेपी की हाई लेवल बैठक से पहले पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की पुस्तक ‘धरती पुत्र’ के विमोचन के दौरान शायरी से अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. वसुंधरा राजे ने कहा, जिन पत्थरों को हमनें दी थी धड़कनें, उनको जुबान मिली थी तो हम पर ही बरस पड़े.’ वसुंधरा राजे का साफ संदेश था कि जिन लोगों को वह राजनीति में लेकर आई है, आज वो उनकी ही खिलाफत कर रहे हैं. उससे वो आहत होने वाली नहीं है. पूर्व सीएम के सियासी तेवरों से साफ है कि सीएम पद से कोई समझौता नहीं करेगी.
जयपुर : राजधानी जयपुर में चल रही भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के अंतिम दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर दिया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा का चेहरा पीएम मोदी ही रहेंगे. लेकिन वसुंधरा समर्थकों ने पीएम मोदी को चेहरा मानने से इंकार कर दिया है. वसुंधरा समर्थको में से एक नेता ने कहा, ‘वसुंधरा राजे की अनदेखी से विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा. वसुंधरा राजे का राजस्थान में क्रेज है.
दरअसल, समर्थक विधायक एवं नेता वसुंधरा राजे को राजस्थान की सियासत में पायलट जैसी स्थिति में नहीं देखना चाहते हैं. समर्थकों का आरोप है कि शेखावत और पूनिया बार-बार पीएम मोदी का नाम आगे कर सीधे तौर वसुंधरा पर टारगेट कर रहे है. पीएम मोदी ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘संगठन व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से बड़ा है. वंशवाद और परिवारवाद के कीचड़ में कमल खिला है.’ वसुंधरा समर्थक इसे कटाक्ष के तौर पर मान रहे हैं.
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के एक समर्थक नेता ने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों को भी एक संदेश दिया गया कि व्यक्तिगत वफादारी उन्हें किसी तरह का लाभ नहीं मिलने वाला.’ वसुंधरा समर्थक गुटबाजी को हवा दे रहे है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चाहते हैं कि प्रदेश इकाई में मतभेदों को दूर किया जाए.
जानकारों का कहना है कि राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाए जाने से वसुंधरा राजे बेहद नाराज है. वसुंधरा राजे ने बीजेपी की हाई लेवल बैठक से पहले पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की पुस्तक ‘धरती पुत्र’ के विमोचन के दौरान शायरी से अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. वसुंधरा राजे ने कहा, जिन पत्थरों को हमनें दी थी धड़कनें, उनको जुबान मिली थी तो हम पर ही बरस पड़े.’ वसुंधरा राजे का साफ संदेश था कि जिन लोगों को वह राजनीति में लेकर आई है, आज वो उनकी ही खिलाफत कर रहे हैं. उससे वो आहत होने वाली नहीं है. पूर्व सीएम के सियासी तेवरों से साफ है कि सीएम पद से कोई समझौता नहीं करेगी.
बता दें कि भाजपा की नीति रही है कि पिछड़े वर्ग के नेताओं का इस्तेमाल करो और समय आने पर उन्हें फेंक दो. अब यही नीति भाजपा राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर लागू करने जा रही है. कहा जा रहा है कि बीजेपी वसुंधरा राजे को सुबे की राजनीति से बेदखल करना चाहती है. इसलिए भाजपा उन्हें सुबे में सीएम पद का चेहरा नहीं बना रही है. सुबे में आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी पीएम मोदी को चेहरा बनाना चाहते है, जिसे वसुंधरा समर्थकों ने इनकार कर दिया है.
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