गुपकार गठबंधन के साथ चुनाव होने की स्थिति में साझा उम्मीदवार उतारने की संभावनाओं पर महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि पीएजीडी की एक बड़ी भूमिका है, जो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें भाजपा के नापाक मंसूबों के खिलाफ एक प्रतिरोध के रूप में काम करना होगा. उनके मंसूबों को नाकाम करने के लिए अगर हमें साथ आने की जरूरत पड़ी और एकजुट होकर चुनाव लड़ना पड़ा है तो क्यों नहीं? मुझे लगता है आखिरकार हम ये करेंगे.
श्रीनगर : भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि मोदी, मोदी हैं. इसलिए गठबंधन करना पड़ा. यह जिन्न की तरह है, इसे आपको एक बोतल में डालना था. महबूबा मुफ्ती से पूछा गया था कि क्या मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा के साथ गठबंधन एक गलती था और वह अटल बिहारी वाजपेयी नहीं हैं.
भाजपा के साथ पीडीपी के गठबंधन करने को लेकर आलोचनाएं झेल रहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती घाटी में अपनी खोई हुई सियासी जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश में जुटी हैं. महबूबा मुफ्ती से पूछा गया कि एक राजनीतिक दल के रूप में पीडीपी पिछले तीन वर्षों में बिखर गई है. कई नेता चले गए हैं, अन्य सक्रिय नहीं हैं. ऐसे में पार्टी कैडर का मनोबल बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है?
इस सवाल पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘शुक्र है कि हमारे कार्यकर्ता साथ खड़े हैं. मुझे लगता है कि हमारे 80 फीसदी नेता चले गए, शायद इससे ज्यादा, लेकिन कार्यकर्ता पार्टी के साथ खड़े हैं. जब मैं हिरासत में थी, तो उनका मनोबल टूट गया था, लेकिन एक बार जब मैं बाहर आई और लोगों से मिलना शुरू किया तो मेरे कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े रहे. वरना मैं जिस तरह से बात कर रही हूं उस तरह से बात नहीं कर पाती.’’
गुपकार गठबंधन के साथ चुनाव होने की स्थिति में साझा उम्मीदवार उतारने की संभावनाओं पर महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि पीएजीडी की एक बड़ी भूमिका है, जो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें भाजपा के नापाक मंसूबों के खिलाफ एक प्रतिरोध के रूप में काम करना होगा. उनके मंसूबों को नाकाम करने के लिए अगर हमें साथ आने की जरूरत पड़ी और एकजुट होकर चुनाव लड़ना पड़ा है तो क्यों नहीं? मुझे लगता है आखिरकार हम ये करेंगे. लेकिन अभी तक हमने आपस में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की है.
महबूबा मुफ्ती से पूछा गया कि अब जबकि परिसीमन की कवायद खत्म हो गई है, चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. अगर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया तो क्या महबूबा मुफ्ती और पीडीपी चुनाव में हिस्सा लेंगी? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल, पीडीपी चुनाव लड़ने जा रही है, क्योंकि हम बीजेपी के लिए कोई भी जगह खाली नहीं छोड़ने वाले हैं. जहां तक मेरा सवाल है, मैंने कई बार यह साफ किया है कि अभी कुछ समय के लिए सत्ता की राजनीति का हिस्सा नहीं रहने वाली हूं.
बताते चले कि भाजपा से गठबंधन टुटने के बाद से महबूबा मुफ्ती लगातार भाजपा पर हमला बोलती आ रही है. इसके पहले वह कई मुद्दों पर बीजेपी पर निशाना साध चुकी है. चाहे तीन तलाक, हिजाब, अजान, कश्मीर फाईल्स या ज्ञानवापी और मथुरा के इदगाह मस्जिद का मामला हो. महबूबा यह भी आरोप लगा चुकी है कि यह पार्टी सिर्फ देश को लड़ाना चाहती है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कहा था कि भाजपा देश में हिंदू और मुसलमान और यहां तक अनु.जाति और ब्राह्मण तक को लड़ाने में यकीन रखती है.
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