नई दिल्ली : प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपये का भुगतान करने का खुलासा हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय को सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई. गैरतलब हैं की केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत वर्ष 2019 में की थी. इसके तहत जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है, उन्हें साल में तीन बराबर-बराबर किस्तों में कुल छह हजार रुपये की राशि दी जाती है.
आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि अयोग्य लाभार्थियों की दो श्रेणियों की पहचान की गई है जिनमें पहले अर्हता पूर्री नहीं करने वाले किसान हैं जबकि दूसरी श्रेणी आयकर भरने वाले किसानों की है. कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सीएचआरआई) से संबद्ध आरटीआई आवेदक वेंकटेश नायक ने ये आंकड़े सरकार से प्राप्त किए हैं.
उन्होंने कहा, अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक आयकरदाता की श्रेणी में हैं. नायक ने कहा, बाकी प्रतिशत वे किसान हैं जो योजना की अर्हता पूरी नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि मीडिया में आई खबर के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान की गई राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
नायक ने कहा कि आरटीआई अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त सूचना से पता चलता है कि वर्ष 2019 में शुरू हुई पीएम-किसान योजना के तहत जुलाई 2020 तक अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने कहा, सरकार के अपने आंकड़े संकेत देते हैं कि राशि गलत हाथों में गई. आरटीआई आवेदक ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या पांच राज्यों- पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में है.
सूचना के मुताबिक, पंजाब शीर्ष पर है जहां कुल अयोग्य लाभार्थियों में 23.6 प्रतिशत यानी 4. 74 लाख) रहते हैं, इसके बाद असम का स्थान हैं, जहा 16.8 प्रतिशत 3.45 लाख अयोग्य लाभार्थियों भुगतान किया गया. वही महाराष्ट्र 13.99 प्रतिशत यानी 2.86 लाख अयोग्य लाभार्थियों में हैं. इस प्रकार इन तीनों राज्यों में ही अयोग्य पाए गए लाभार्थियों की आधी से अधिक यानी 54.03 फीसदी संख्या रहती है. नायक ने बताया कि इसके बाद गुजरात और उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां पर कुल अयोग्य लाभार्थियों में क्रमशः 8.05 प्रतिशत (1.64 लाख लाभार्थी) और 8.01 प्रतिशत (1.64 लाख) लाभार्थी रहते हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से छोटे और सिमांत किसानों को जिनके पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि हैं, उन्हें आर्थिक देने के लिए पीएम किसान योजना शुरू की. लेकिन आरटीआई में जो जानकारी सामने आई हैं, उससे ऐसा लगता हैं की इस जिन गरीब किसानों के लिए यह योजना शुरू कि गई थी उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा हैं. बल्कि वह किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं जो इस योजना के दायरे में नहीं आते.