नई दिल्ली : केंद्र सरकार की और से लाये गए तीन नए कृषि के खिलाफ देशभर के किसान दिल्ली से बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बिच हुई आठ दौर की बातचित भी बेनतीजा रही. अब राष्ट्रीय किसान मोर्चा किसानों के समर्थन में मैदान में उतरा हैं.
राष्ट्रीय किसान मोर्चा का किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ 11 जनवरी से 17 जनवरी के दौरान लगातार धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. जिसमें नए कृषि कानून को वापिस लेने की मांग की जा रही हैं. जिससे केंद्र सरकार की परेशानी और बढ़ सकती हैं क्योंकि राष्ट्रीय किसान मोर्चा के धरना प्रदर्शन को बामसेफ से जुडे कई संगठनों ने समर्थन दिया हैं. जब की पहले ही केंद्र सरकार दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन से परेशान हैं.
राष्ट्रीय किसान मोर्चा के सूत्रो के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा जो नए तीन कृषि कानून लाए गये हैं, जिसमें कृषि उत्पाद व्यापार एवम् वाणिज्य कानून 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020, मूल्य आश्वाशन ,कृषि सेवाओं के करार, किसानों का सशक्तिकरण संरक्षण अधिनियम 2020 शामिल हैं. इस कानून के विरोध में राष्ट्रीय किसान मोर्चा देशभर में 550 जिला मख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर रहा हैं.
राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने इस कानून को किसान विरोधी करार देते हुए इस कानून को वापिस लेने की मांग की हैं. राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सुरेश वर्मा का कहना हैं की यह काननू किसानों के हित में नहीं हैं. इसलिए केंद्र सरकार इस कानून को वापिस लें.
भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा हैं की किसान विरोधी काले कानून के विरोध में किसानों के द्वारा चलाये जा रहे देशव्यापी आंदोलन को समर्थन देने के लिए राष्ट्रिय किसान मोर्चा द्वारा देश के 550 जिला मुख्यालयों पर दि. 11 जनवरी से 17 जनवरी 2021 तक जो धरना-प्रदर्शन किया जायेगा उसको भारत मुक्ति मोर्चा का जाहिर एवं सक्रीय समर्थन होगा.
इस बिच खबर आई है की राष्ट्रीय किसान मोर्चा बाड़मेर का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. राष्ट्रीय किसान मोर्चा के जिला संयोजक जगदीश प्रसाद ने बताया कि देशव्यापी जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन बाड़मेर जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के आगे धरना दिया गया. उन्होंने कहा, तीन किसान विरोधी काले कानून वापस लेने की मांग को लेकर यह धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है.
बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि काननू के खिलाफ देशभर के किसान पिछले एक महिने से ज्यादा समय से दिल्ली से सटे बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान संगठनों और सरकार के बिच कई दौर की बातचित भी हो चूकी हैं, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया हैं. इस बिच सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानून के अमल पर रोक भी लगाई लेकिन किसान इससे खूश नहीं हैं. किसानों का कहना हैं की हमारी मांग इस कानून को वापिस लेना हैं. किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी में भी सामिल नहीं होने से इनकार कर दिया हैं.