किसान नेता राकेश टिकैत ने न्यूज 18 एजेंडा उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन से लेकर कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने यूपी की राजनीति से लेकर अपने विचार साझा किए.
लखनऊ : किसान नेता राकेश टिकैत ने न्यूज 18 एजेंडा उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन से लेकर कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने यूपी की राजनीति से लेकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि वह 24 देशों में गए हैं. कोरोना के बाद कहीं नहीं गए. राकेश टिकैत ने बीजेपी निशाना साधते हुए कहा कि यह राम राम कह रहे हैं, इसमें राम नाम सत्य है भी है. आखिरी समय आ रहा है तो राम का नाम लिया जा रहा है. आखिरी में ये राम को पुकार रहे हैं तो ये जाएंगे.
यूपी में राजनीतिकों के सपोर्ट पर टिकैत ने कहा कि वह किसी के भी साथ नहीं हैं. न योगी आदित्यनाथ के साथ हैं और न ही अखिलेश यादव के साथ हैं. इस दौरान चुनाव में वह अपनी बात कहेंगे. चुनाव में वह गन्ना भुगतान की बात करेंगे. उनकी बात पर सवाल करते हुए न्यूज एंकर ने कहा, बाबा का तो कहना है कि सबसे ज्यादा भुगतान किया है. इस बात पर तंज कसते हुए किसान नेता ने कहा, कहां किया, झूठ बोलने में तो ये गोल्ड मेडल जीत गए, देगा कौन? ये नहीं पता. किसान नेता राकेश टिकैत यहीं नहीं रुके. उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए आगे कहा, झूठ बोलने की इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है, नागपुर में शायद इनका कोई ऑफिस है. झूठ बोलो, काम न करो, अपना प्रचार करो. गन्ना अधिनियम में यह है कि 14 दिन में भुगतान देंगे, नहीं दिए तो ब्याज देंगे.
राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून के वापस होने से किसान आंदोलन अभी दिल्ली वाला ही खत्म हुआ है. भारत सरकार से जो बातचीत हुई उसमें भारत सरकार ने वादा पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब जो किसान लौटे हैं वह चार महीने की छुट्टी लेकर गए हैं. टिकैत ने अपनी राजनीतिक दिलचस्पी पर कहा कि संयुक्त मोर्चा न चुनाव में है और न किसी के भी चुनाव प्रचार में जाएंगे. जो भी चुनाव लड़ रहा है वह उनका व्यक्तिगत है.
राकेश टिकैत ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा, राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट ने बनाया है. इसमें बीजेपी का कोई रोल नहीं है. काशी कॉरिडोर पर राकेश टिकैत ने कहा कि वह तो पहले से बना था. वहां सिर्फ अतिक्रमण ही हटवाया गया है. उन्होंने कहा कि गंगा में जहां पीएम मोदी ने स्नान किया उस पर जनता का साढ़े 6 करोड़ रुपया खर्च किया गया है. गोता लगाने और फोटो सेशन करवाने के छह करोड़ रुपये खर्च होंगे तो देश तो बर्बाद होगा ही. इस दौरान राकेश टिकैत ने यूपी में किसी दूसरी पार्टी के सहयोग पर पूछे गए सवाल पर कहा कि वह किसी की तरफ नहीं, लेकिन वह अपनी बात जरूर बताएंगे.
राकेश टिकैत ने अखिलेश के जिन्ना बयान पर कहा कि अभी आएगा चुनाव में हिंदू मुस्लिम और जिन्ना ये तीन चीजें इनके एजेंडे में हैं. लेकिन अब जनता समझ गई है. ये मथुरा गए हैं. हमने लोगों से कहा कि ये कन्हैया की नगरी है बचा कर रखना इसको. ये आएंगे और फिर कुछ न कुछ करेंगे. वहां चारों तरफ के लोग बैठे हैं, इन्हें इनका काम करने नहीं देंगे. मथुरा में सबका काम ठीक चल रहा है. सबका रोजगार चल रहा है. वहां हम गलत काम नहीं होने देंगे.
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों के चुनाव की तिथियों के ऐलान के बाद किसान नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाजपा के लिए वह कठिन रास्ता हैं, क्योंकि केंद्र ने अभी तक फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अजय मिश्रा को कैबिनेट से निकालने की उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है. किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा 44 किसान संघों की संस्था है. लंबित मांगों पर प्रगति की समीक्षा और भविष्य की रणनीति को लेकर 15 जनवरी को बैठक की जाएगी.
एसकेएम सदस्य अभिमन्यु सिंह कोहड़ ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान लोगों का भाजपा के प्रति प्यार खत्म हो गया है. यही वजह है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे किसानी वाले राज्यों के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होगा.
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