उत्तर प्रदेश में पुलिस का खौफ अब बदमाशों में खत्म होता नजर आ रहा है. बांदा में पुलिस पर हुए हमले में 4 पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना मिली है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. सूचना के बाद कई थानों की पुलिसबल घटनास्थल पर पहुंच गई और फरार हमलावरों की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्ता में आते ही योगी सरकार ने कई बदमाशों को एनकाउंटर मार गिराया. उसके बाद सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश से बदमाश या अपराधी दूसरे राज्य में भाग गये है या उन्होंने सरेंडर कर दिया है या उन्हें जेल की सलाखों में ड़ाल दिया है. लेकिन सूबे में बदमाशों के हौसले किस कदर बुलंद है इसकी बानगी बांदा में उस वक्त देखने को मिली, जब नोटिस देने गई पुलिस टीम पर दबंगों ने जानलेवा हमला कर दिया. आरोपियों ने पुलिस जवानों पर ईंट पत्थर और डंडों से हमला कर पूरे गांव में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इस हमले में घायल जवानों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.
उत्तर प्रदेश में पुलिस का खौफ अब बदमाशों में खत्म होता नजर आ रहा है. बांदा में पुलिस पर हुए हमले में 4 पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना मिली है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. सूचना के बाद कई थानों की पुलिसबल घटनास्थल पर पहुंच गई और फरार हमलावरों की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी.
इस मामले में बांदा पुलिस ने बताया कि थाना बबेरू क्षेत्र अंतर्गत नोटिस तामिल कराने गए सिपाहियों पर हमला करने वाले अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है. बांदा के पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘सिपाहियों पर हमले की सूचना के बाद तत्काल अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि कुछ अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.’’
बांदा एसपी ने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें लगा दी गई हैं और उनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, सिपाही सुखबीर सिंह और बृजेश पड़री गांव में केशव यादव के घर बलवे सहित अन्य गंभीर मामलों में नोटिस तामील कराने गए थे. नोटिस देखते ही उन्होंने सिपाहियों के साथ गाली-गलौज शुरू कर दिया, जिसका विरोध करने पर आरोपियों ने ईंट-पत्थर और डंडे से सिपाहियों पर हमला कर दिया. सिपाहियों ने इसके बाद दो अन्य सिपाहियों को बुलाया, जिसके बाद दबंगों ने सभी को दौड़ाकर पीटा. अपने ऊपर हुए हमसे से डरे पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे ग्राम प्रधान के घर में घुसकर अपनी जान बचाई.
बता दें कि कुछ इसी तरह की वारदात कानपुर के बिकरू में हुई थी जब गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस की टीम पर गोलियां चलाई गई थीं. इस कांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे के साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था. वहीं, विकास दुबे कई दिनों तक फरार रहा था. बाद में विकास दुबे को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था.
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