संभल से सपा के सांसद ने कहा, ‘‘ये सारे हालात 2024 के चुनाव के चलते बन रहे हैं. अगर इतिहास में जाएं तो ज्ञानवापी मस्जिद में कोई शिवलिंग नहीं था. यह सब गलत है. सपा सांसद पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंचे थे. उसी दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं. बर्क ने यह भी कहा कि भले ही अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है लेकिन वहां एक मस्जिद है. उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर का निर्माण ताकत के बलबूते पर हो रहा है.
लखनऊ : देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी और 25 मई को ‘भारत बंद’ के मुद्दों से जनता का खासकर ओबीसी का ध्यान भटकाने के लिए ब्राह्मणवादी संगठनाएं ज्ञानवापी, मथुरा की इदगाई मस्जिद, ताजमहल, कुतुब मिनार जैसे मुदों को हवा दे रहे है. इस बीच वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान परिसर में ‘शिवलिंग’ पाए जाने के दावे पर सियासत गरमाई हुई है. इस बीच सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने बड़ा दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में कोई शिवलिंग नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पैदा की जा रही है.
संभल से सपा के सांसद ने कहा, ‘‘ये सारे हालात 2024 के चुनाव के चलते बन रहे हैं. अगर इतिहास में जाएं तो ज्ञानवापी मस्जिद में कोई शिवलिंग नहीं था. यह सब गलत है. सपा सांसद पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंचे थे. उसी दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं. बर्क ने यह भी कहा कि भले ही अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है लेकिन वहां एक मस्जिद है. उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर का निर्माण ताकत के बलबूते पर हो रहा है.
सपा सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमें निशाना बनाया जा रहा है, मस्जिदों पर हमले हो रहे हैं, सरकार ऐसे नहीं चलती. सरकार ईमानदारी और कानून के शासन के साथ चलती है. यहां बुलडोजर का नियम है, कानून का नहीं.’’ उन्होंने कहा कि जो लोग आरएसएस और बीजेपी में यकीन रखते हैं, वे इसी तरह के काम से जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
इन सबके बीच बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्रान में बड़ा दावा किया है. उन्होंने महाराष्ट्र के सातारा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ब्राह्मणों और मुगलों ने आपस में मिल बैठकर अपना मस्जिद और मंदिर बनाया. उन्होंने कहा की भारत में जितने भी बड़े मंदिर है, उसमें ब्राह्मणों का एक भी नहीं है. अगर उन मंदिरों कि खुदाई की जाति है तो वहा बुद्ध से संबंधित पुरातत्विक सबुत मिलेंगे.
एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमारे किसी भी जिम्मेदार नेता ने अब तक काशी या मथुरा पर कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन मुस्लिम नेता पहले से ही तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यह हिंदुओं को इस मुद्दे पर मजबूत करेगा. एक भाजपा नेता ने कहा कि कहा अयोध्या 2014 और 2019 में एक तुरुप का पत्ता था और अब 2024 में काशी और मथुरा हमें सत्ता में वापस लाएगा.
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस तरह मुद्दे उठाए जा रहे है. भाजपा ने असली मुद्दों को पीछे की सीट पर रख दिया है और मीडिया भी इसमें सहयोगी रहा है. भाजपा महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने के बजाए भावनात्मक मुद्दे पर राजनीति कर मौके का लाभ उठाने का मौका तलाश रही है.
एक अनुभवी भाजपा नेता ने कहा, हमारा नारा था ‘अयोध्या की तैयारी है, काशी मथुरा बाकी है’, और हम इसी पर चल रहे हैं. अयोध्या तैयार होगी और हम काशी और मथुरा को आक्रमणकारियों से मुक्त करने के अपने वादे को निभाएंगे. वहीं पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि यह हिंदू कार्ड उन्हें चुनावों में भारी बहुमत देगा.
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