महंगाई राहत की आस लगाए हुए बैठी देश की आम जनता को जुलाई महीने में निजात दिलाने के बजाए महंगाई का बूस्टर डोज लगने वाला है.
चंडीगढ़ : महंगाई राहत की आस लगाए हुए बैठी देश की आम जनता को जुलाई महीने में निजात दिलाने के बजाए महंगाई का बूस्टर डोज लगने वाला है. दरअसल, जीएसटी परिषद ने आम आदमी के उपयोग से जुड़े कुछ सामानों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया है. वहीं कुछ सामानों पर मिल रही छूट को वापस ले लिया है जबकि कुछ सामानों पर जीएटी की दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. यह फैसला 18 जुलाई से लागू होगा. उस दिन से जो सामान महंगे होंगे, उनमें डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ, मुरमुरे आदि शामिल हैं. अभी तक इन्हें छूट मिली हुई थी.
जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक बुधवार को खत्म हुई है. बैठक के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया कि विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया. इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं. यह बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर जीएसटी दर के बारे में और चर्चा चाहते हैं. ऐसे में ‘ऑनलाइन गेमिंग’ और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा. मंत्री समूह ने तीनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी. इस बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा.
जीएसटी पर मिलने वाली छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा. अभी तक इन्हें छूट मिली हुई थी. इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने की सेवा पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. हालांकि, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी.
इसी बैठक में ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी की दर बढ़ाने का फैसला हुआ. अब इन पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं. वहीं, सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था.
अभी तक वैसे बजट होटल, जिसके कमरे का हर रोज का किराया 1,000 रुपये तक था, उस पर कोई जीएसटी नहीं लगता था. लेकिन अब 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
अब सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह का काम करवाना भी महंगा पड़ेगा. अभी तक ऐसे कार्यों के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगता था. अब इसे बढ़ा कर 18 प्रतिशत किया जा रहा है. हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. पहले यह 12 प्रतिशत था. माल ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है.
बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी. इसके साथ ही आरबीआई, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा. बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा.
आपके पास अगर कोई महत्वपुर्ण जानकारी, लेख, ओडीयो, विडीयो या कोई सुझाव हैै तो हमें नीचे दिये ई-मेल पर मेल करें.:
email : news@mulniwasinayak.comAll content © Mulniwasi, unless otherwise noted or attributed.
It is clear from that the lack of representation given to our collective voices over so many issues and not least the failure to uphold the Constitution - that we're facing a crisis not only of leadership, but within the entire system. We have started our “Mulnivasi Nayak“ on web page to expose the exploitation and injustice wherever occurring by the brahminical forces & awaken the downtrodden voiceless & helpless community.
Media is playing important role in democracy. To form an opinion is the primary work in any democracy. Brahmins and Banias have controlled the fourth pillar of the democracy, by which democracy is in danger. We have the mission to save the democracy & to make it well advanced in common masses.