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कोरोना महामारी में रेलवे यात्रियों को मिलने वाली छूट बंद, सांसदों ने मुफ्त रेल यात्रा पर उड़ा डाले 62 करोड़

Published On :    1 Jul 2022   By : MN Staff
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जनता के अच्छे दिन लाने का वादा करने वाली सरकार ने एक तरफ जहां कोरोना महामारी के दौरान रेलवे यात्रियों को मिलने वाली छूट को बंद कर दिया था. जिसे अब तक बहाल नहीं किया गया है.



नई दिल्ली : जनता के अच्छे दिन लाने का वादा करने वाली सरकार ने एक तरफ जहां कोरोना महामारी के दौरान रेलवे यात्रियों को मिलने वाली छूट को बंद कर दिया था. जिसे अब तक बहाल नहीं किया गया है. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा के मौजूदा और पूर्व सांसदों को ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा का लाभ उठाते रहे. इससे बीते पांच साल में सरकारी खजाने पर 62 करोड़ रुपये का भार पड़ा है. आरटीआई के जरिए यह जानकारी सामने आई है. मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने इस बारे में जानकारी मांगी थी.


आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया कि उसे 2017-18 और 2021-22 में वर्तमान सांसदों की यात्रा के बदले में रेलवे की ओर से 35.21 करोड़ रुपये और पूर्व सांसदों की यात्रा के लिए 26.82 करोड़ रुपये का बिल मिला है. आरटीआई जवाब में कहा गया कि सांसदों और पूर्व सांसदों ने महामारी के प्रकोप वाले वर्ष 2020-21 में रेलवे के पास का भी उपयोग किया, उनका बिल क्रमशः 1.29 करोड़ रुपये और 1.18 करोड़ रुपये था. 


रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी है, जिससे कुछ तबकों में नाराजगी है. वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने के कदम की भी आलोचना हुई है.



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आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान 2020-21 में करीब 2.5 करोड़ रुपये इस तरह की यात्राओं पर खर्च हुए हैं. मौजूदा सांसद रेलवे की प्रथम श्रेणी की एयर-कंडिशन्ड श्रेणी या एग्जिक्यूटिव श्रेणी की निःशुल्क यात्रा की पात्रता रखते हैं. उनके जीवनसाथी भी कुछ शर्तों के साथ मुफ्त यात्रा कर सकते हैं. पूर्व सांसद भी अपने किसी साथी के साथ एसी-2 टियर में या अकेले एसी-1 टियर में निःशुल्क यात्रा करने की पात्रता रखते हैं.


बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान भारतीय रेलवे की सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद जब ट्रेनों को फिर से चालू किया गया. तब तकरीबन चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया देने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह जानकारी एक आरटीआई के जरिए से सामने आई थी. आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा था कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है. वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे में मिलने वाली रियायतों की बात करें तो महिलाओं को 50 फीसदी छूट मिलती है, जबकि पुरुषों को 40 फीसदी रियायत मिलती है. जिसके लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल और पुरुषों के लिए 60 वर्ष है.
 

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