उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के इलाज के नाम पर तरह घोटाला किया जा रहा है, इसकी एक बानगी सामने आई है. सुबे के देवरिया जिले के एक निजी अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना में सरकार से लाखों रुपयों का घोटाला किया है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के इलाज के नाम पर तरह घोटाला किया जा रहा है, इसकी एक बानगी सामने आई है. सुबे के देवरिया जिले के एक निजी अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना में सरकार से लाखों रुपयों का घोटाला किया है. अस्पताल ने इस योजना में फर्जीवाड़ा करते हुए 387 मरीजों के फर्जी क्लेम करवा लिए हैं, जिसमें अस्पताल ने सरकार से 17,11,800 रुपयों का भुगतान करवा लिया है.
हालांकि इस घोटाले के बारे में पता चलने पर सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सरकार के सौंप दी. इस रिपोर्ट के आने के बाद आयुष्मान भारत और स्टेट हेल्थ एजेंसी ने इस अस्पताल प्रबंधन पर क्लेम की गई राशि का दोगुना जुर्माना लगाया है. अब अस्पताल को इस मामले में 34,23,600 रुपयों का जुर्माना भरना पड़ेगा.
करीब एक महीने पहले देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के रुद्रपुर कस्बे में आशुतोष हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की थी. इस दौरान वहां अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन पकड़ी गई और डॉक्टर एस.के. त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई हुई. इसमें जांच के दौरान अस्पताल प्रबंधन की कई खामियां उजागर हुई थीं. सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी और अस्पताल में गड़बड़ियों का जिक्र किया. उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत यहां घपले की आशंका जताई थी.
डीएम ने मामले को ध्यान से सुना और इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी के जिम्मे जांच सौंपी. इस जांच में इस बात का पता चला कि आयुष्यमान योजना को लेकर यहां पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. यहां पर 387 फर्जी क्लेम आयुष्मान योजना के तहत किए गए हैं और इस क्लेम का अस्पताल प्रबंधन ने भुगतान भी करवा लिया है. इस पूरी रिपोर्ट को डीएम ने आयुष्मान भारत पीएमजेवाई और स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजी. वहां भी इस रिपोर्ट की इंटर्नल जांच की गई तब जाकर मामले में फर्जी क्लेम की पुष्टि की गई.
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जब आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज करवाने के रिकॉर्ड देखा गया तो अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज कराने के बहुत सारे मामले एक जैसे पाए गए. इनमें से 387 ऐसे मामले भी सामने आए थे जो कि पूरी तरह से फर्जी थे. अब जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन पर घोटाला की गई राशि का दोगुना 34,23,600 रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही अर्थदंड का भुगतान न करने पर हॉस्पिटल की सूचीबद्धता समाप्त करने का भी आदेश जारी किया गया.
आयुष्मान भारत योजना में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पांच लाख रुपये के इलाज का प्रावधान है. हालांकि अस्पताल में साधारण बीमारियों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों से यह पूछा जाता था कि उसके पास आयुष्मान कार्ड है या नहीं. हां बताने पर उसका आयुष्मान कार्ड जमा करा लिया जाता था और उसी के सहारे नकली बिल बनाकर भुगतान के लिए दावा किया जाता था. इस प्रकार 387 फर्जी मामलों में 17,11,800 रुपये का अस्पताल ने भुगतान करवा लिया.
इस मामले में देवरिया के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आशुतोष हॉस्पिटल को लेकर स्टेट हेल्थ एजेंसी ने एक साल पहले ही अनियमितता की ओर प्रशासन को याद दिलाया था. अब जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ये अस्पताल प्रबंधन पर ये एक्शन लिया गया है.
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