आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है. पिछले चार कार्यक्रमों में नीतीश कुमार के ना शामिल होने की वजह से भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
पटना : आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है. पिछले चार कार्यक्रमों में नीतीश कुमार के ना शामिल होने की वजह से भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जेडीयू विधायकों बैठक बुलाई है पार्टी के सांसदों को भी सोमवार तक पटना पहुंचने को कहा गया है. उधर आरजेडी ने भी मंगलवार को राबड़ी देवी के आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि बिहार में एक बार फिर बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट सकता है. खबर है कि दोनों दल अलग हो सकते हैं और राज्य में फिर आरजेडी और जेडीयू की सरकार बन सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की. 11 अगस्त तक राज्य में नई सरकार बन सकती है. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे. हालांकि, सरकार के भविष्य को लेकर जेडीयू नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है.
कहा जा रहा है कि चिराग पासवान का एनडीए की बैठक में सहयोगी के रूप में शामिल होना जेडीयू को नागवार गुजरा. विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोल रहे थे. वहीं वह एनडीए की बैठक में शामिल हो रहे हैं. जाहिर सी बात है यह बात नीतीश कुमार को अच्छी नहीं लगी होगी. जेडीयू नहीं चाहती है कि चिराग की वजह से जो हाल 2020 में हुआ व 2024 में ना हो. हाल में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की कई बार मुलाकात हुई थी. तब भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से भाजपा और जेडीयू के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. कई बार ऐसा हुआ है जब कि केंद्र के कार्यक्रमों में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को लेकर बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में नीतीश कुमार नहीं पहुंचे.
वहीं 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के सीएम को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे. फिर 7 अगस्त को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक से भ्ज्ञी नीतीश कुमार ने कन्नी काट लिया. इसी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में नीतीश और एनडीए के रास्ते जुदा हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो जाहिर है कि बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन की सरकार गिर जाएगी. बिहार में यह घमासान तब शुरू हुआ जब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया. उनपर अकूत संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इससे पहले वह जब केंद्र में जेडीयू के एक मात्र मंत्री थे तब भी पार्टी ने उनका राज्यसभा का टिकट काट दिया था. इस तरह उन्हें मंत्री पद खोना पड़ा था.
दरअसल, बीजेपी-जदयू के बीच लगातार राजनीतिक सबंध बिगड़ रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही बिहार में बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टूट सकता है और राज्य में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बन सकती है जिसका जदयू भी हिस्सा होगी. हालांकि, नई सरकार की तस्वीर कैसी होगी इस पर मंथन चल रहा है.हालांकि, गठबंधन टूटेगा या बना रहेगा इस पर कोई भी नेता खुलकर नहीं बोल रहा है. लेकिन रविवार को जब जेडीयू के राष्ट्रीय ललन सिंह ने आरसीपी सिंह प्रकरण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी तो उन्होंने ये जरूर कहा था कि जेडीयू मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होगी.
आपके पास अगर कोई महत्वपुर्ण जानकारी, लेख, ओडीयो, विडीयो या कोई सुझाव हैै तो हमें नीचे दिये ई-मेल पर मेल करें.:
email : news@mulniwasinayak.comAll content © Mulniwasi, unless otherwise noted or attributed.
It is clear from that the lack of representation given to our collective voices over so many issues and not least the failure to uphold the Constitution - that we're facing a crisis not only of leadership, but within the entire system. We have started our “Mulnivasi Nayak“ on web page to expose the exploitation and injustice wherever occurring by the brahminical forces & awaken the downtrodden voiceless & helpless community.
Media is playing important role in democracy. To form an opinion is the primary work in any democracy. Brahmins and Banias have controlled the fourth pillar of the democracy, by which democracy is in danger. We have the mission to save the democracy & to make it well advanced in common masses.