हरियाणा के नूंह में हुआ दंगा भी सरकारी और प्रायोजित था. केंद्र सरकार इसे अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, आगरा, भरतपुर और जयपुर तक फैलाना चाहती थी, लेकिन किसानों ने उनका साथ नहीं दिया. इसलिए दंगे नहीं फैले.
झुंझुनू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके अगुवाई वाली केंद्र सरकार और बीजेपी नेता अपने आप को बड़ा देशभक्त मानते है. पीएम मोदी और उनके सरकार की देशभक्ती को लेकर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार, दोनों को 100 फीसदी देश विरोधी करार दिया है. सीकर के एसके ग्राउंड में आयोजित जाट-मुस्लिम-मेघवाल सम्मेलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में मलिक ने यह बातें कहीं.
उन्होंने आगे केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यहां तक कि हरियाणा के नूंह में हुआ दंगा भी सरकारी और प्रायोजित था. केंद्र सरकार इसे अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, आगरा, भरतपुर और जयपुर तक फैलाना चाहती थी, लेकिन किसानों ने उनका साथ नहीं दिया. इसलिए दंगे नहीं फैले. उन्होंने दावा किया है कि आगे भी ऐसी कोशिशें की जा सकती हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी, मणिपुर में गए तक नहीं. मेरे पैरों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि मुझे चलने में दिक्कत होती है. फिर भी मैं इनको हटाने के लिए जगह-जगह जाऊंगा. ये बहुत खतरनाक, निर्दयी और दुष्ट लोग हैं, इनको हटाना आपका कर्तव्य है. यदि यह सरकार नहीं बदली तो इस देश में खेती, फौजी और जो भी अच्छा है वह सब कुछ खत्म हो जाएगा. पूर्व राज्यपाल ने आज आयोजित कार्यक्रम के बारे में कहा कि अब ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है, क्योंकि कोशिश यह हो रही है कि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे करा दिए जाएं. बीते दिनों नूंह में भी कोशिश हुई, जिसे किसानों ने कामयाब नहीं होने दिया.
मलिक ने कहा कि अब दिल्ली में मोदी की सरकार नहीं बनेगी. पुलवामा हमले में भी केंद्र सरकार ने ही जवानों को मरवाया था, क्योंकि इन्होंने जवानों को हवाई जहाज ही नहीं दिए. मलिक ने कहा, मीडिया में रिपोर्टिंग है कि 4 महीने तक जवानों की एप्लीकेशन होम मिनिस्ट्री में पड़ी रही. यदि मुझे हवाई जहाज देने के लिए कहते तो मैं ही दे देता. मैं तो वहां परीक्षा के लिए लड़कों को हवाई जहाज दे देता था.
मलिक ने कहा कि भारत का पूरा इतिहास हिंदू और मुसलमान की एकता का रहा है. ऐसे में हिंदू-मुसलमान के चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है. मलिक ने कहा कि हल्दीघाटी में राणा प्रताप की तरफ से जो सेनापति था, उसका नाम हकीम खां था. इसी तरह से राणा सांगा के साथ हसन खां मेवाती लड़े थे. देश का इतिहास ऐसे लोगों से भरा पड़ा है. मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार खेती और फौज को खत्म करना चाहती है. मुझे बताएं कि कौन-सा युवा केवल 4 साल के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर फौज में भर्ती होगा. इसका परिणाम होगा कि हमारी फौज ही नकारा हो जाएगी.
मलिक ने कहा, दिल्ली में मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि सावधान रहना चुनाव आने से पहले मोदी कोई न कोई खुराफात करेंगे. राम मंदिर पर बम फिंकवा सकते हैं या बीजेपी के किसी नेता का कत्ल करवा कहीं दंगा करवा सकते हैं. तीसरे दिन ही नूंह में प्रायोजित दंगा हो गया. वह सरकारी दंगा था जो पीएम मोदी और केंद्र सरकार द्वारा करवाया गया था. नूंह के मेव लोग बिल्कुल कम्यूनल नहीं हैं.
मलिक ने कहा कि इस दंगे में सरकार ने कोशिश की कि किसानों जिनमें खास तौर पर जाटों को भड़काएं, लेकिन वहां के खाप चौधरियों को पता था कि इतिहास क्या है. उन्होंने कहा, मुझे अफसोस है कि आज तक पुलवामा हमले में पता नहीं चल पाया है कि जवानों की शहादत क्यों और कैसे हुई?
मालुम हो कि यह पहली बार नहीं है जब पूर्व राज्यपाल मलिक ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. इसके पहले भी सत्यपाल मलिक कई मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साध चुके है. बीते महीने मलिक ने कहा था मोदी ने डरकर कृषि कानून वापस लिए हैं. अब वे डर की वजह से ही गुरुद्वारों में जाते हैं.
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