प्रदर्शनकारियों ने रेलवे संपत्तियों को निशाना बनाने के अलावा अब भाजपा नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर और बिहार में भाजपा विधायक की कार पर भी हमला किया.
नई दिल्ली : केंद्र की ’अग्निपथ’ योजना के खिलाफ शुक्रवार को बिहार और झारखंड से लेकर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने बड़ी संख्या में ट्रेनों को आग लगा दी और पूर्वी क्षेत्र में सेवाओं को बाधित कर दिया. यूपी-बिहार में कई ट्रेनों को फूंक दिया गया है. प्रदर्शन की आग बढ़ते-बढ़ते दिल्ली, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, तेलंगाणा और उत्तराखंड तक पहुंच चुकी है.
प्रदर्शनकारियों ने रेलवे संपत्तियों को निशाना बनाने के अलावा अब भाजपा नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर और बिहार में भाजपा विधायक की कार पर भी हमला किया. बेतिया शहर में राज्य भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास में भी तोड़फोड़ की गई. पश्चिम बंगाल में, प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद मंत्री शांतनु ठाकुर के आवास की ओर मार्च करने का प्रयास किया.
उधर रक्षा एक्सपर्ट के बाद अब अग्निपथ योजना का तमाम विपक्षी दल विरोध रहे हैं और इसको लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. जेडीयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कड़े विरोध के बीच, केंद्र से इस योजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है. प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है? हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं. सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार, बस मनमानी?
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वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि हम सैनिकों को किराए पर नहीं रख सकते. केवल 21 साल की उम्र में हम उन्हें पूर्व सैनिक कैसे बना सकते हैं? मान ने आगे कहा कि वे कठोर परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हैं. राजनेता कभी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं, केवल सैनिक होते हैं, जनता जो सेवानिवृत्त होती है, हमें किराए पर सेना की आवश्यकता नहीं है. अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए.
सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा, ‘ये पेंशन देना नहीं चाहते इसलिए चार साल के लिए ही अग्निपथ योजना लाएं हैं. क्योंकि पांच साल होने पर एक जवान को ग्रैचुटी, पूर्व सैनिक का अधिकार, पेंशन बेनीफिट, सीडीएस कैंटीन की सुविधा, स्वास्थ सुविधाएं, सबकुछ देना पड़ेगा.
एआईएमआईएम के मुखिया असुदूद्दिन ओवैसी ने कहा कि नौजवान आज आक्रोश में सड़कों पर इसलिए निकला है क्योंकि उनको दिख रहा है पीएम देश के प्रधानमंत्री नहीं रहे बल्कि, इस देश के बादशाह सलामत बन चुके हैं. उन्होंने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि गलत फैसला लेकर नौजवानों का भविष्य खराब कर रहे हैं और उनकी जवानी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के जरिए किसानों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाने के प्रयास के बाद अब नौजवानों को लेकर यह कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार अपनी इस कोशिश में नाकामयाब रही और अब नौजवानों पर हो रही इस कोशिश में भी असफल ही होगी.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अग्निपथ योजना को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच, भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ट्रेनों और सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले किए जाने और युवाओं द्वारा की जाने वाली हिंसा भी भाजपा द्वारा प्रचारित लिंच मॉब कल्चर का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जाहिर है अब बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं होगा. वह केवल अल्पसंख्यकों के लिए रिजर्व है.
‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देशभर में युवाओं में खासा आक्रोश है, इस योजना से गुस्साए यूआ आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने इस मामले में चिंता जताते हुए सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्विटर पर जलती ट्रेन का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि युवाओं को दंगाई बना दिया गया है उन्होंने लिखा, ‘देश की सेवा का सपना देख रहे युवाओं को एक झटके में देश के दंगाई बना दिया गया है. शर्मनाक है ये सब. पता नहीं अहंकारी को कब अक्ल आएगी.
आप सांसद संजय सिंह ने इस योजना को युवाओं के साथ विश्वासघात बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सेना को सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर बना दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अग्निपथ योजना युवाओं के साथ विश्वासघात है. ये योजना प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है. 4 साल बाद युवा या तो प्राइवेट कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड बनेगा या फिर आत्महत्या करने को मजबूर होगा. वहीं इसके अलावा बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की अग्निपथ स्कीम’ की आलोचना करते हुए उस पर फिर से विचार करने की मांग की है. मायावती ने इसे ग्रामीण युवाओं और उनके परिवार के भवष्यि के साथ खिलवाड़ बताया है.
इसके अलावा राजद के नेता तेजस्वी यादव ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा है कि इसके जरिए सरकारी नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा के तहत आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है. रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है. अग्निपथ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों वाले लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर है. तेजस्वी ने कहा कि यह पहली सरकारी नौकरी होगी, जिसमें बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी है. चार साल बाद 25 प्रतिशत चुने हुए नियमित सैनिक बनने के लिए भाई-भतीजावाद, जातिवाद, घूसखोरी और क्षेत्रवाद का खेल होने की भी पूरी गारंटी है. क्या प्रतिभाशाली युवा चार वर्षों की संविदा नौकरी के बाद भाजपा सरकार के पूंजीपति मित्रों के व्यावसायिक ठिकानों की रखवाली करेंगे?
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