काउंटिंग के दौरान 99 फीसदी चार्ज कैसे थीं ईवीएम, क्या वोटिंग में इस्तेमाल ही नहीं हुआ…’ कमलनाथ ने उठाए सवाल
भोपाल/दै.मू.समाचार
बीते कई सालों से सियासी दलों के नेता चुनाव परिणाम आने के बाद ईवीएम मशीन पर सवाल उठाते आ रहे है. चाहे वो लोकसभा का चुनाव हो या राज्ये विधानसभा के. उनका आरोप है कि ईवीएम को हैक कर चुनाव परिणाम बदलाएं जा सकते है. इसलिए वे बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की मांग करते आ रहे है. लेकिन चुनाव आयोग ‘ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता’ यह कह कर उनकी इस मांग को इनकार करते आ रहा है. इस बीच हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने ईवीएम को लेकर सवाल खडे किए है.
मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक से पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने बड़़ा हमला बोला और कहा कि एग्जिट पोल करने वालों को पहले से परिणाम पता था. यह एग्जिट पोल माहौल बनाने के लिए था. ईवीएम पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, कई उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें अपने ही गांव में 50 वोट नहीं मिले हैं. कांग्रेस के ही पूर्व विधायक संजय यादव ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह भाजपा का बड़ा मैनेजमेंट था, अब तो जनता भी यही कह रही है.
बैठक में कमलनाथ ने प्रत्याशियों से अपना चुनाव अनुभव शेयर करने के लिए कहा. इस दौरान जीते हुए प्रत्याशियों ने अपने अनुभव साझा किए. ज्यादातर जीते हुये प्रत्याशियों ने अपने जो अनुभव साझा किये उसमें मुख्य बातें निकलकर सामने आयीं.
कांग्रेस पार्टी जहां बडे़ अंतर से हारी. वहां 100 से अधिक ईवीएम मतगणना के समय 99 प्रतिशत तक चार्ज मिली. जबकि मतदान के दौरान 10 घंटे से ज्यादा इनका उपयोग हो चुका था. इसका आशय है कि मतगणना की प्रक्रिया के दौरान इन मशीनों का बिल्कुल उपयोग नहीं हुआ, जो कि किसी भी सूरत में संभव नहीं है. इससे इस बात का शक होता है कि या तो ईवीएम बदलीं गई या उनके साथ छेड़छाड़ की गई.
प्रत्याशियों ने बताया कि औसतन 100 ईवीएम मशीनें या 20 हजार वोट से छेड़छाड़ का गंभीर मामला दिखाई देता है. जब पोस्टल वोट में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिल रहा था तो ईवीएम में अचानक से कम हो जाना संदेह पैदा करता है. इस हेरफेर से भाजपा ने जब ज्यादातर सीटों पर अपनी बढ़त हासिल कर ली, तो प्रशासन पर दबाव बनाकर मतगणना के आखिरी पांच राउंड में कम अंतर से पीछे चल रहे या आगे चल रहे कांग्रेस के प्रत्याशियों को हारा हुआ घोषित कर दिया गया.
सभी प्रत्याशियों ने कहा कि मप्र की जनता ने कमलनाथ के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और प्रत्याशियों को भी कमलनाथ के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, अब जरूरत इस बात की है कि पूरी तरह से ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से हटाया जाए. प्रत्याशियों ने यह भी बताया कि इस बार उन्हें भाजपा के प्रभाव वाले बूथों पर पहले की तुलना में ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके सबसे मजबूत बूथों पर उनके वोट अप्रत्याशित रूप से नीचे आए.
कांग्रेस प्रत्याशियों की बात सुनने के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी प्रत्याशी विस्तार से और तथ्यों के साथ अपनी रिपोर्ट उन्हें भेजें. ईवीएम को लेकर उन्हें भी बहुत सी शिकायतें मिली हैं. इस मुद्दे को वह राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष दिल्ली की बैठकों में उठाएंगे और इस विषय मंथन कर समाधान का रास्ता निकालेंगे कमलनाथ ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को अपनी अन्य कमियों को नहीं देखना है. हमें अपने एक-एक कमी को दूर करके लोकसभा चुनाव में उतरना है और कांग्रेस पार्टी को विजयी बनाना है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है. मैंने 2003 से ही ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है. क्या हम भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति दे सकते हैं! यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा.