केंद्र सरकार प्याज निर्यात पर लगाई गई पाबंदी तत्काल हटाए, शरद पवार की मांग
मुंबई/दै.मू.समाचार
सरकार ने प्याज निर्यात पर अगले साल 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है. लेकिन प्याज उत्पादक किसान इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. महाराष्ट्र के नासिक जिले में भी प्याज उत्पादक किसान इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने सोमवार को केंद्र सरकार से प्याज निर्यात पर लगाई गई पाबंदी को तत्काल हटाने की मांग की है.
पवार ने प्याज उत्पादन के लिए देशभर में अग्रणी नासिक जिले के चंदवाड गांव में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को एकजुट होकर अपनी मांग बुलंद करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में नासिक रास्ता दिखा सकता है.’ पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि प्याज की खेती करने वाले छोटे किसान हैं और अच्छी फसल के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री रहते समय उन्होंने कभी भी प्याज की कीमतों को नीचे लाने या उसके निर्यात पर रोक लगाने की कोशिश नहीं की थी.
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण किसानों को उनकी मेहनत की कीमत नहीं मिल रही है. हमें सड़कों पर उतरने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन जब तक हम सड़कों पर नहीं उतरते हैं, तब तक दिल्ली पर असर नहीं पड़ता है. इससे आज दिल्ली की नींद उड़ गई होगी. उन्होंने कहा कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर किसानों का मजाक उड़ाया जा रहा है.
पवार ने कहा, ‘केंद्र सरकार का प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा है कि जिनके पास नीतियां तय करने की ताकत है अगर वे जागरूक नहीं होंगे तो किसानों को बर्बाद होने में देर नहीं लगेगी.
उधर महाराष्ट्र में केंद्र द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ विपक्षी दलों के विधायकों ने सोमवार को विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध वापस लेने, मुख्य खाद्य पदार्थों के लिए उचित मूल्य और किसानों के लिए सहायता की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगाए. दानवे ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध की केंद्र सरकार की नीति किसान विरोधी है. प्याज की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. राज्य सरकार को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए केंद्र से बात करनी चाहिए.