क्या आपको भगवान और धर्म के नाम पर वोट मांगने में कोई आपत्ति नहीं है?, उद्धव ठाकरे का चुनाव आयोग से सवाल
मुंबई/दै.मू.समाचार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ’बजरंग बली की जय’ कहकर वोट करने की अपील की थी. गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मतदाताओं को ‘रामलला के दर्शन फ्री में कराने’ की पेशकश की. चुनाव आयोग इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? इससे हमारा क्या तात्पर्य है? क्या हम मानें कि आपको भगवान और धर्म के नाम पर वोट मांगने में कोई आपत्ति नहीं है? क्या हम आगामी चुनावों में खुले तौर पर हिंदुत्व का प्रचार करें, यह मानते हुए कि आपको इससे कोई आपत्ति नहीं है या आप इसे स्वीकार करते हैं? ये सवाल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग से पूछा है.
मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित शिवसेना (यूबीटी) गुट के ‘शिवाले’ कार्यालय का नवीनीकरण किया गया है. इसके उद्घाटन के मौके पर उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत की.
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग से पूछा कि बाला साहब ठाकरे ने अपने भाषण में हिंदुत्व का मुद्दा उठाया. राम मंदिर का मुद्दा उठाया तो उन पर छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन्होंने बाला साहेब से वोट देने का मौलिक अधिकार भी छीन लिया. फिर मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहता हूं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बजरंग बली की जय’ बोलकर वोट देने का आह्वान किया था. गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश में ‘रामलला के दर्शन मुफ्त कराए जाएंगे’. चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?
ठाकरे ने कहा कि मैंने पांच राज्यों के चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की मुफ्त रामलला दर्शन की पेशकश के संबंध में चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. चुनाव आयोग की ओर से मेरे पत्र का जवाब न देने से हमारा क्या तात्पर्य है? हां! क्या आपको भगवान और धर्म के नाम पर वोट मांगने में कोई आपत्ति नहीं है? हम आगामी चुनाव में ‘जय भवानी…जय शिवाजी’, ‘हर हर महादेव’, ‘गणपति बप्पा मोरया’ का नारा लगाकर प्रचार करेंगे. हम हिंदुत्व के मुद्दे खुलकर उठाएंगे तो आप हमारे खिलाफ कार्रवाई न करें.